Hotel होटल के विरुद्ध उपभोक्ता सेवा में घोर लापरवाही, भ्रामक व्यापार, धार्मिक भावनाओं का अपमान व मानसिक यातना के लिए ₹5,00,000/- हर्जाने की मांग।

RAHUL AGARWAL

New member
Hotel Name
Traditional Haveli Hotel Restaurant Hashtag BC Address AC 4C, Gayatri Marg, Bani Park, Jaipur 302016
Website Name
www.traditionalheritagehaveli.com
Customer Care Number
0141 400 3300
Loss Amount
500000
Ratings
1.00 star(s)
Opposite Party Address
Traditional Haveli Hotel Restaurant Hashtag BC AC 4C, Gayatri Marg, Bani Park, Jaipur 302016
सेवा में,

माननीय अध्यक्ष महोदय/महोदया,

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग,

जयपुर (पश्चिम), राजस्थान

विषय:

Restaurant #BC (Bottles & Chimney), Traditional Haveli Hotel द्वारा शुद्ध शाकाहारी भोजन के स्थान पर मांसाहारी भोजन परोसने से हुई गंभीर मानसिक, धार्मिक एवं भावनात्मक क्षति के संबंध में उपभोक्ता शिकायत।

1. परिवादी (शिकायतकर्ता) का विवरण:

नाम: Rahul Agarwal

पता: Rajhans Colony, Brahmpuri, Jaipur City (North), Rajasthan

मोबाइल: 7610028714

2. प्रतिवादी का विवरण:

नाम: Traditional Haveli / Exceptional Haveli Hotel

रेस्टोरेंट सेक्शन: #BC – Bottles & Chimney

पता: Ac-4C, Gayatri Marg, Bani Park, Sawai Jai Singh Highway, Jaipur – 302016

GSTIN: 08AAECT3840Q1ZS

3. शिकायत के तथ्य:

परिवादी अपने 2 मित्रों श्री खुषाल षर्मा एवं हिमांषु त्रिवेदी के साथ उक्त रेस्टोरेंट में लंबे समय के उपरांत मिलने पर बातचीत करने एवं कुछ स्वादिष्ट भोजन खाने गया था।

परिवादी एक आस्थावान शुद्ध शाकाहारी नागरिक है। शाकाहार उसके लिए केवल भोजन नहीं, बल्कि धार्मिक अनुशासन, आत्मिक शुद्धता और जीवन-मूल्य है।

दिनांक 24.12.2025 को समय लगभग 9:30 PM, परिवादी प्रतिवादी होटल के Restaurant #BC (Bottles & Chimney) में गया और स्पष्ट रूप से Pure Veg पनीर आधारित व्यंजन का ऑर्डर दिया।

परिवादी को होटल द्वारा जारी बिल संख्या 13335 (दिनांक 24.12.2025, समय 21:46) में भी केवल Veg items (Paneer Tikka, Peri Peri Paneer Pizza) दर्शाए गए हैं, जिसकी प्रति Annexure-B के रूप में संलग्न है।

इसके बावजूद, प्रतिवादी होटल के वेटर/स्टाफ द्वारा परिवादी को शाकाहारी भोजन बताकर मांसाहारी भोजन परोस दिया गया।

भोजन को शाकाहारी समझकर परिवादी ने एक कौर खा लिया, तत्पश्चात भोजन में मांसाहारी पदार्थ पाया गया।

घटना के तुरंत बाद संबंधित वेटर ने लिखित रूप में यह स्वीकार किया कि गलती से मांसाहारी ग्रेवी/सामग्री परोसी गई, जिसकी लिखित स्वीकारोक्ति Annexure-C के रूप में संलग्न है।

यह कृत्य प्रतिवादी होटल की गंभीर लापरवाही, सेवा में कमी (Deficiency in Service) तथा भ्रामक प्रस्तुति (Misrepresentation) को स्पष्ट रूप से सिद्ध करता है।

परिवादी ने भोजन को शाकाहारी समझकर एक कौर ग्रहण कर लिया, जो उसके लिए जीवन की सबसे अपमानजनक, पीड़ादायक एवं आत्मिक रूप से तोड़ देने वाली घटना सिद्ध हुई।

ण्प्रतिवादी को उक्त कौर खाने के उपरांत अत्यंत मानसिक आघात पहुंचा एवं निरंतर उल्टियां हुई एवं स्वास्थ्य पर गहरा असर पडा है एवं मानसिक आघात से ग्रसित हो गया है।

यह कृत्य केवल “गलती” नहीं है, बल्कि:

उपभोक्ता के साथ धोखाधड़ी (Fraudulent Misrepresentation)

विश्वासघात (Breach of Trust)

और धार्मिक भावनाओं का क्रूर उल्लंघन है।

प्रतिवादी के वेटर द्वारा लिखित रूप में गलती स्वीकार करना इस बात का अकाट्य प्रमाण है कि होटल में Veg एवं Non-Veg भोजन के पृथक्करण की कोई विश्वसनीय व्यवस्था नहीं है।

इस कृत्य की गंभीरता को देखते हुए परिवादी को पुलिस में शिकायत दर्ज करानी पड़ी, जो यह दर्शाता है कि मामला साधारण असंतोष का नहीं बल्कि सामाजिक व कानूनी स्तर पर निंदनीय अपराध है।



उक्त घटना के संबंध में परिवादी ने दिनांक 24.12.2025 को थाना सदर रेलवे स्टेशन , जयपुर (पश्चिम) में लिखित शिकायत दर्ज कराई, जिसका विवरण इस प्रकार है:

Police Complaint / FIR No.: 79970022500692

Date: 24.12.2025

जिसकी प्रति Annexure-A के रूप में संलग्न है।

पुलिस शिकायत, बिल एवं वेटर की स्वीकारोक्ति के बावजूद प्रतिवादी होटल द्वारा कोई औपचारिक माफ़ी या क्षतिपूर्ति प्रदान नहीं की गई।

कानून का खुला उल्लंघन (With Judicial Principles):

प्रतिवादी का आचरण:

  • उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(11) के अंतर्गत Severe Deficiency in Service है।
  • धारा 2(47) के अंतर्गत Unfair Trade Practice है।
  • माननीय उपभोक्ता आयोगों द्वारा अनेक मामलों में यह स्पष्ट किया गया है कि
“धार्मिक आस्था से जुड़े मामलों में मानसिक पीड़ा का मुआवज़ा सामान्य मामलों की तुलना में अधिक होना चाहिए।”

प्रतिवादी ने न केवल सेवा में कमी की, बल्कि उपभोक्ता की पहचान, आस्था और गरिमा को पैरों तले रौंदा।

₹5,00,000/- मुआवज़ा क्यों अनिवार्य है (NOT OPTIONAL):

यह मामला:

  • पेट भरने का नहीं, आत्मा को ठेस पहुँचाने का है।
  • क्षणिक असुविधा का नहीं, आजीवन मानसिक आघात का है।
  • एक व्यक्ति का नहीं, समाज के शाकाहारी वर्ग के विश्वास का है।
यदि इस प्रकार की हरकत पर कठोर आर्थिक दंड नहीं लगाया गया, तो:

  • बड़े होटल खुलेआम Veg/Non-Veg के नाम पर उपभोक्ताओं को धोखा देते रहेंगे।
  • उपभोक्ता कानून केवल काग़ज़ी रह जाएगा।
👉 इसलिए ₹5,00,000/- की क्षतिपूर्ति न तो अधिक है, न ही अनुचित, बल्कि न्याय की न्यूनतम शर्त है।



मानसिक, धार्मिक एवं भावनात्मक क्षति:

प्रतिवादी की लापरवाही के कारण परिवादी को गंभीर मानसिक आघात, धार्मिक अपमान, भावनात्मक कष्ट एवं सामाजिक असुविधा हुई है, जिसकी क्षतिपूर्ति आवश्यक एवं न्यायोचित है।

प्रार्थना (Hard Reliefs Sought):

अतः माननीय आयोग से यह अपेक्षा की जाती है कि वह:

प्रतिवादी को गंभीर सेवा दोष एवं अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी घोषित करे।

प्रतिवादी को परिवादी को ₹5,00,000/- (पाँच लाख रुपये) क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दे।

प्रतिवादी को Veg/Non-Veg भोजन प्रबंधन में विफल रहने पर कड़ी चेतावनी एवं सुधारात्मक आदेश दे।

वाद व्यय प्रतिवादी से दिलवाया जाए।

न्यायालय परिस्थितियों के अनुसार कोई भी उदाहरणात्मक (Exemplary) आदेश पारित करे।

संलग्नक:

होटल बिल

वेटर की लिखित स्वीकारोक्ति

पुलिस शिकायत / FIR

स्थान: जयपुर
दिनांक २५-१२-२०२५

परिवादी
(राहुल अग्रवाल)
 

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